एकादशी के दिन व्रत करने व पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है.
इस दिन अगर सच्ची श्रृद्धा से पूजा की जाए तो व्यक्ति को दुख-दर्द, परेशानियां नष्ट हो जाती है.
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है उसे नारायण के साथ मां लक्ष्मी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 14 जून को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
एकादशी के दिन व्रत करने व पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है. इस दिन अगर सच्ची श्रृद्धा से पूजा की जाए तो व्यक्ति को दुख-दर्द, परेशानियां नष्ट हो जाती है. आप इस दिन व्रत रख रहे हैं तो सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें. फिर श्रीहरि विष्णु की पूजा करना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि जैसे कि हमारे शास्त्रों पुराणों में बताया गया है कि एकादशी व्रत यह हर माह में दो एकादशी पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष की एकादशी दूसरी शुक्ल पक्ष की एकादशी. 12 महीने की 24 एकादशी पड़ती है. यदि यह मास में पुरुषोत्तम मास पड़ा तो उनकी दो और इस तरह के कुल 26 एकादशी के अलग-अलग नाम बताए गए हैं. अलग- अलग नाम के साथ इनका अलग अलग महत्व भी बताया गया है.
इनकी प्राचीन इतिहास कथा भी शास्त्रों में बताई गई है. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करते हैं. भगवान विष्णु की सानिध्य प्राप्त करने के लिए लोग एकादशी का व्रत रखते हैं.