रीवा में है एक ऐसा जलप्रपात जिसे कहते हैं मध्य प्रदेश का दूसरा और सबसे बड़ा फाल
मध्यप्रदेश के रीवा जिले मे हैं कई बड़े और छोटे जलप्रपात
MP News : मध्य प्रदेश कई विविधताओं को अपने में समेटे हुए हैं। इन्हीं विविधताओं में अगर नजर डालें तो पता चलता है कि मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक ऐसा जलप्रपात है जिसे प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात होने का दर्जा प्राप्त है। अगर आप प्रकृति प्रेमी व्यक्ति हैं और आपने रीवा जिले के इस बड़े जलप्रपात को नहीं देखा तो अभी जाकर देखें। हम बात कर रहे हैं रीवा जिले के चचाई वाटरफॉल की।
चचाई जलप्रपात के संबंध में बताया गया है कि यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात है। इस जलप्रपात को बिहार नदी बनाती है। बाणसागर का पानी बिहार नदी में छोड़े जाने की वजह से चचाई जलप्रपात सदैव पानी से लबालब भरा रहता है। वही बरसात के समय इस प्रताप की खूबसूरती अपने आप बढ़ जाती है।
बताया गया है कि जलप्रपात से जब पानी नीचे गिरता है उसे समय पूरा का पूरा पानी धुएं के रूप में परिवर्तित हो जाता है। ऐसा लगता है कि प्रताप के अंदर पानी जाकर एकदम भाप बन गया। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता। चचाई जलप्रपात का पानी जब प्रताप की ओर गिरता है तो ऊंचाई से पानी गिरने और हवा के प्रवाह की वजह से पानी धुंध की तरह दिखाई पड़ने लगता है।
प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो झरने से गिरते हुए पानी की ओर देखा जाए तो कुछ दूरी तक पानी की धार दिखाई देती है लेकिन कुछ दूरी के बाद जैसे ही पानी नीचे पहुंचता है वह छोटी-छोटी धुंध में परिवर्तित हो जाता है। इस दौरान व्यक्ति ज्यादा नीचे तक देखने का प्रयास करता है। उस समय उसे प्रतीत होता है जैसे झरना उसे खींच रहा हो। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता व्यक्ति का ध्यान केंद्रित होने की वजह से यह खिंचाव महसूस होता है।
वैसे तो मध्य प्रदेश का रीवा जिला एक नहीं कई वाटर के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर कई वॉटरफॉल मौजूद भी हैं। बाहर-बाहर से लोग रीवा में वॉटरफॉल देखने के लिए आते हैं। चचाई जलप्रपात के पास ही पूर्वा जल जलप्रपात और क्योटी जलप्रपात है। जहां पर बरसात के दिनों में पहुंच कर अच्छा खासा आनंद प्राप्त किया जा सकता है।